उत्तर प्रदेश सरकार ग्रेटर नोएडा में एक ऐसी दुनिया बसाने जा रही है, जो एमएसएमई के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं होगा. जी हां, उत्तर प्रदेश को उद्यम प्रदेश के तौर पर रूपांतरित करने की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए राज्य सरकार ग्रेटर नोएडा में 125 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक फ्लैटेड कारखाने का निर्माण कराएगी. इससे जुड़ी प्रक्रिया जल्द शुरू होगी. राज्य सरकार ने रविवार को यहां बयान जारी कर कहा कि प्रदेश के कुटीर, लघु एवं मंझोले उद्योगों (एमएसएमई) को बढ़ावा देने के लिए मूलभूत ढांचे के आधुनिक तरीके से विकास के लिये अब यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) एक बड़ी पहल करने जा रहा है.
फ्लैटेड फैक्टरी का होगा निर्माण
बयान में कहा गया कि इसके तहत गौतमबुद्ध नगर के ग्रेटर नोएडा स्थित सेक्टर 28 में आधुनिक फ्लैटेड फैक्टरी का निर्माण किया जाएगा. फ्लैटेड फैक्टरी कैंपस के निर्माण से जुड़ी प्रक्रिया भी जल्द शुरू होने जा रही है और फिलहाल मास्टर प्लान व अन्य रिपोर्ट्स के निर्माण पर काम चल रहा है. बयान के मुताबिक, लगभग 125 करोड़ रुपये की लागत से 24 महीने में निर्माण कार्यों को पूरा किए जाने का लक्ष्य निर्धारित है. यह प्रस्तावित फ्लैटेड फैक्टरी न केवल एमएसएमई क्षेत्र को गति देगी बल्कि नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.
एमएसएमई की नई दुनिया
प्रदेश सरकार ने कहा कि उसका उद्देश्य इस फ्लैटेड फैक्टरी परिसर के जरिए छोटे उद्यमियों को एक ही परिसर में सभी बुनियादी सुविधाओं से लैस इकाइयां देना है ताकि उत्पादन कार्य बिना किसी बाधा के चल सके. यीडा का यह कदम न केवल निवेशकों को आकर्षित करेगा बल्कि क्षेत्र की तरक्की के साथ युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगा. यह परियोजना इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) मोड पर होगी और इसका निर्माण कार्य 24 महीनों में पूरा किया जाएगा. यह बहुमंजिला फ्लैटेड फैक्टरी लगभग 38,665 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्र में फैली होगी और इसमें एमएसएमई उद्यमों के लिए अत्याधुनिक सुविधा युक्त इकाइयां होंगी.
ये होंगी सुविधाएं
प्रक्रिया के तहत, मुख्य भवन निर्माण के साथ ही परिसर को भविष्य की जरूरतों के मुताबिक विकसित किया जाएगा. यहां आंतरिक जल आपूर्ति, बिजली आपूर्ति, अग्निश्मन प्रणाली, एलिवेटर, एचवीएसी (हीटिंग, वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग) जैसी सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी. इसके अलावा परिसर की डिजाइन को पर्यावरण के अनुकूल बनाया जाएगा. इसमें सुरक्षा और निगरानी के लिए सीसीटीवी, एक्सेस कंट्रोल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सुविधाएं भी लगाई जाएंगी.